मंडी के बड़े खतरे की आहट; इस बड़ी खबर ने सबको चौकाया
मंडी के बड़े खतरे की आहट; इस बड़ी खबर ने सबको चौकाया : वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाएं सच साबित हो रही है, अब इसके साफ संकेत दिखने लगे हैं। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश अमेरिका की मंदी को लेकर कम जरूर हुई है लेकिन इसका खतरा टला नहीं है। ताजा हालात के अनुसार यूरोप आर्थिक मंदी के खतरे की ओर बढ़ रहा है। पहले आपको जानना बहुत जरूरी है कि मंदी आती कैसे हैं।
मंदी आती कैसे हैं।
जब ग्रोथ रेट कम हो जाती है और एक के बाद एक कंपनियां बंद होने लगती है। बेरोजगारी और महंगाई जनता की कमर तोड़ने लगती है। ऐसी स्थिति को आर्थिक मंदी कहते हैं। इकोनामिक हिसाब से बात करें तो अगर किसी की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ दो तिमाही तक जीरो या उससे कम रहती है, तो माना जाता है कि वह अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी के चपेट में है।
यूरोप पर मंदी का साया
यूरोप के हालात आर्थिक मंदी की ओर इशारा कर रहे हैं। जर्मनी की अर्थव्यवस्था दो तिमाही से नीचे की ओर गिरती ही जा रही है। इसी के साथ ब्रिटेन के बैंक ऑफ़ इंग्लैंड ने अपनी बैंक की ब्याज करें बढ़ाने में रोक लगा दी है। ब्रिटेन की तरफ से लगातार मंदी के साया को कम करने के लिए ब्याज दर बढ़ाई गई है। लेकिन इसका कोई फायदा दिख नहीं रहा है।
इसके अलावा ब्रिटेन के रियल स्टेट बिजनेस में भी लगातार कमी देखी जा रही है। ब्रिटेन के कंपनियों के हालात ऐसे हैं कि वहां की कंपनियां अपने एंप्लॉय को धीरे-धीरे निकल रहे हैं। जिस वजह से ब्रिटेन के हालात बहुत ही ज्यादा खराब हो रहे हैं।
यूरोजोन पर मंडी का साया
एक रिपोर्ट के अनुसार यूरोजोन पर आर्थिक मंदी का साया बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यूरोजोन की इकोनॉमी ग्रोथ इस तिमाही में नेगेटिव रही है। यसएंडपी ग्लोबल यूरोजोन का कंपोजिट पीएमआई अगस्त में 33 महीने के निचले स्तर 46.7 पर था। सितंबर में यह सुधर कर 47.1 पर पहुँचा तो लेकिन अभी भी यह 50 से कम है।